Sunday, June 8, 2025
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रुड़की: 10 बच्चों के अब्बा ने बीवी को दिए 3 तलाक, बीवी ने लगाई गंगनहर में छलांग

एफएनएन, रुड़की: हरिद्वार जिले के रुड़की में तीन तलाक देना शौहर को भारी पड़ गया. शौहर द्वारा बीवी को दिए गए तीन तलाक के बाद बीवी ने गंगनहर में छलांग लगा ली. पुलिस ने सूचना मिलते ही गंगनहर में रेस्क्यू अभियान शुरू किया. महिला की तलाश के लिए गंगनहर में आज तीसरे दिन भी सर्च अभियान चल रहा है. अभी तक महिला का कुछ पता नहीं चल पाया है. पुलिस ने इस मामले में महिला के शौहर समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

पहली बीवी होते दूसरी से किया निकाह: जानकारी के मुताबिक रुड़की गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के सफरपुर गांव निवासी खुशनूद नामक व्यक्ति ने सहारनपुर निवासी साजिया नाम की एक युवती को धोखा देकर 9 वर्ष पूर्व निकाह किया था. आरोप है कि युवती का शौहर खुशनूद पहले से ही निकाहशुदा था. इस बात की जानकारी खुशनूद ने साजिया से छिपाई थी. जब साजिया को इस बात की जानकारी लगी, तो उसने इसका विरोध किया. इस पर खुशनूद ने साजिया के साथ मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया.

विरोध करने पर दूसरी बीवी को दिया तीन तलाक: इसके बाद साजिया खुशनूद के घर पहुंची तो शौहर ने उसको तीन तलाक दे दिया. साथ ही अपने परिजनों के साथ मिलकर साजिया के साथ मारपीट कर दी और उसे घर से निकाल दिया. आरोप है कि साजिया शौहर से तीन तलाक मिलने पर डिप्रेशन में आ गई. तीन तलाक से परेशान होकर साजिया मंगलवार शाम गंगनहर में कूद गई. बताया गया है कि निकाह के बाद से उनके तीन बच्चे हैं. वहीं पुलिस के द्वारा साजिया की गंगनहर में तलाश की जा रही है. जिसकी तलाश के लिए जल पुलिस के गोताखोरों द्वारा गंगनहर में सर्च अभियान चलाया जा रहा है, हालांकि अभी उसका कुछ पता नहीं चल पाया है.

खुशनूद है 10 बच्चों का अब्बा: जिस खुशनूद नाम के शख्स ने अपनी दूसरी बीवी को तीन तलाक दिया है, उसके 10 बच्चे हैं. पहली बीवी से उसकी 6 बेटियां और एक बेटा है. वहीं गंगनहर में डूबकर लापता हुई दूसरी बीवी साजिया जिसे उसेन तीन तलाक दिया, उससे 3 तीन बेटे हैं.

भारत में तीन तलाक पर प्रतिबंध है: भारत में तीन तलाक गैरकानूनी है. 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित किया था. 2019 में संसद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित कर इसे अपराध घोषित कर दिया था. इस कानून के तहत, तीन तलाक देना एक गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है. तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की सजा हो सकती है.

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