- देश के टॉप 30 जिलों में भी उत्तराखंड के पांच जनपद हुए शामिल, 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर होंगे सम्मानित
एफएनएन, देहरादून। उत्तराखंड लिंगानुपात के मामले में देश के प्रथम 10 राज्यों में शामिल हो गया है। केंद्र ने उत्तराखंड को लिंगानुपात में नौवें स्थान पर रखा है। वहीं, राष्ट्रीय स्तर के टॉप 30 जिलों में भी उत्तराखंड के पांच जिले शामिल हैं। इनमें छठवें स्थान पर बागेश्वर, 13 वें स्थान पर अल्मोड़ा, 22 वें स्थान पर चंपावत, 24 वें पर देहरादून और 25 वें स्थान पर उत्तरकाशी है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने इसे प्रदेश के लिए गौरव का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों ने बालिका लिंगानुपात में सर्वश्रेष्ठ कार्य किया है, उन्हें 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
1000 बालकों में 949 बालिकाओं के साथ उत्तराखंड नौवें स्थान पर
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लिंगानुपात के आंकड़ों की सूची जारी की गई है। इस सूची के अनुसार पहले नंबर पर आंध्र प्रदेश है, वहां का लिंगानुपात 985 है। उत्तराखंड 1000 बालकों में 949 बालिकाओं के लिंगानुपात के साथ नौवें स्थान पर है। बीते वर्ष उत्तराखंड में यह लिंगानुपात 938 रहा।
प्रदेश की इस उपलब्धि पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने कहा कि यह उपलब्धि आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य कर्मियों के कठिन परिश्रम और प्रदेश के प्रबुद्ध व शिक्षित जन मानस के सहयोग से हासिल हुई है। उन्होंने स्वयं भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत लिंगानुपात बढ़ाने के प्रति जनचेतना जगाने के उद्देश्य से देहरादून से हरिद्वार तक साइकिल यात्रा निकाली थी।
इसके अलावा प्रदेश में विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक जनजागरूकता रैलियों का आयोजन किया गया। कॉलेजों में गोष्ठियों का आयोजन कर इनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को ब्रांड अंबेसडर बनाया गया। परिवार में बेटी के जन्म होने पर वैष्णवी किट प्रदान की गई। बालिका दिवस पर विकासखंड और जिला स्तर पर हाई स्कूल एवं इंटर की टॉपर बालिकाओं को स्मार्ट फोन दिये गये।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती आर्य ने कहा कि पूर्व में भी भारत सरकार देहरादून और ऊधमसिंह नगर को बालिका लिंगानुपात में बढ़ोतरी के लिए सम्मानित कर चुकी है। उन्होंने कहा कि अब इस क्षेत्र में और अधिक प्रयास करने होंगे ताकि भविष्य में उत्तराखंड को और बेहतर स्थान मिल सके।