
एफएनएन, देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ों की गोद में बसा शांत मालदेवता और सहस्त्रधारा अचानक कुदरत के कहर से चीख उठा. सहस्त्रधारा की वादियों में बारिश कहर बनकर बरस रही है. बादल फटा तो सिर्फ पानी नहीं बरसा बल्कि ऊपर से आफत भी बरसी. वहीं मालदेवता में सॉन्ग नदी भी अपने उफान पर है. नदी देहरादून मालदेवता और टिहरी जाने वाले रोड को बहाकर ले गई है. 10 से 15 साल में ऐसा पहली बार है जब सौंग नदी का इतना रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. वहीं सहस्त्रधारा में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमें जेसीबी और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ राहत कार्य में जुटी हुई हैं. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कुछ दुकानें बह गई हैं, हालांकि अब तक किसी प्रकार की जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है. फिलहाल दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
सहस्त्रधारा में सुरक्षित स्थानों पर जा रहे लोग
सहस्त्रधारा में बादल फटने के चलते आई भारी बाढ़ में कई कारें मलबे में दब गई हैं. भारी बारिश के कारण घरों को काफी नुकसान पहुंचा है, अब लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं.
युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं…आपदाग्रस्त इलाकों का दौरा कर बोले सीएम धामी
उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “घरों और सरकारी संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है और जनजीवन प्रभावित है. बहुत सारे संपर्क मार्ग कट गए हैं, नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. हमारे सभी विभाग युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. PM मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सुबह मुझसे बात की और सारी जानकारी ली. उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि हर संभव मदद प्रदान की जाएगी. हम आपदा में प्रभावित लोगों की हर तरह की सहायता के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं..
सीएम धामी ने रायपुर इलाके के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रायपुर इलाके के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उनके साथ कई आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
सहस्त्रधारा में दुकानें और होटल बुरी तरह क्षतिग्रस्त
देहरादून में कल रात से हो रही भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से सहस्त्रधारा में दुकानें और होटल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए.
अचानक बादल फटने से कारलीगाढ़ नदी में बाढ़
अचानक बादल फटने से कारलीगाढ़ नदी में बाढ़ आ गई और इस कारण आसपास के क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. जानकारी के अनुसार, लगातार और तेज बारिश के कारण नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिसके कारण एक महत्वपूर्ण पुल ढह गया और नदी के किनारे बनी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है.
हिमाचल में भी मौसम का कहर, 1 दर्जन के करीब गाड़िया दबी, कई पेड़ गिरे नेशनल हाईवे 5 बन्द हुआ
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से तबाही का कहर थम नहीं रहा है. राजधानी शिमला की बात करे तो देर रात भारी बारिश से शिमला शहर में जगह जगह लैंडस्लाइड हुए हैं. कई जगहों पर पेड़ गिरे हैं, शिमला शहर के हिमलेण्ड, बीसीएस , महेली, ऒर अन्य स्थानों भयानक लैंडस्लाइड हुए है और बड़ी संख्या में पेड़ गिरे हैं. दर्जन भर के करीब गाड़िया दबी हुई है, जिनको निकालने का काम किया जा रहा हैं. हालांकि नेशनल हाईवे को खोलने का काम भी जारी है. लेकिन भारी लैंडस्लाइड की वजह से ट्रैफिक ठप है और सुबह सुबह स्कूली बच्चों व लोगों को आवजाही में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
देहरादून में सौंग नदी का विकराल रूप
देहरादून के पास से आमतौर पर शांत बहने वाली बरसाती नदी सौंग में बहुत पानी आ गया है. इससे काफी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि पिछले एक दशक में सौंग नदी पहली बार इतने उफान पर है, इसलिए हर कोई डरा हुआ है.
सौंग नदी के तेज बहाव में बहा देहरादून मालदेवता और टिहरी जाने वाले रोड
सौंग नदी के तेज बहाव ने देहरादून से मालदेवता और टिहरी को जोड़ने वाली सड़क को कई जगहों पर काट दिया. अब कीचड़, मलबा और पानी ने रास्तों को इस तरह ढक लिया.
भारी बारिश के कारण तमसा नदी उफान पर
देहरादून में कल रात से हो रही भारी बारिश के कारण तमसा नदी उफान पर है, जिसके कारण टपकेश्वर महादेव मंदिर परिसर में काफी नुकसान पहुंचा है.
सहस्त्रधारा में बादल फटा
उत्तराखंड के सहस्त्रधारा में बादल फटने से भारी तबाही की खबरें आ रही है. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमें जेसीबी और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ राहत कार्य में जुटी हुई हैं. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कुछ दुकानें बह गई हैं, हालांकि अब तक किसी प्रकार की जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है. फिलहाल दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
उत्तराखंड में मौसम का कोहराम
उत्तराखंड के देहरादून में बेरहम मौसम की मार पड़ी है. सौंग नदी इतने उफान पर है कि हर किसी को डरा रही है. मालदेवता में सड़क का एक हिस्सा बह गया है. सहस्त्रधारा में भी भारी नुकसान की खबर आ रही है. सोमवार रात कारलीगाढ़ सहस्त्रधारा क्षेत्र में बादल फटने की घटना सामने आई. आसपास के लोगों को रात में ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया. इसके बाद सुबह सौंग नदी रौद्र रूप धारण किए हुए बह रही है.

