Sunday, December 22, 2024
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बरेली फोरलेन भूमि अधिग्रहण घोटाला: सीएम ने दिए दो पीसीएस अफसरों समेत पांच कर्मियों के निलंबन के आदेश

एफएनएन ब्यूरो, बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली-पीलीभीत-सितारगंज फोरलेन हाईवे और बरेली में रिंग रोड के भू-अधिग्रहण में हुए करोड़ों रुपये के बड़े घोटाले में सख्त कार्रवाई करते हुए दो तत्कालीन सक्षम प्राधिकारियों, भूमि अध्याप्ति अझिकारी (एसएलएओ) समेत पांच कर्मचारियों के निलंबन के आदेश जारी किए हैं। इस सनसनीखेज मामले में भ्रष्टाचार में लिप्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और अन्य सभी कर्मियों को भी शीघ्र चिह्नित कर उन सबको भी निलंबित करने के आदेश दिए हैं।

बरेली में पीलीभीत-सितारगंज फोरलेन और बरेली रिंग रोड के भूमि अधिग्रहण में अब तक 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आ चुका है। प्रारंभिक जांच में संलिप्तता मिलने पर सीएम ने सक्षम प्राधिकारी भूमि अध्याप्ति अधिकारी मदन कुमार और आशीष कुमार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। तहसील सदर के लेखपाल उमाशंकर, नवाबगंज के लेखपाल सुरेश सक्सेना और एसएलएओ के अमीन डबर सिंह पर भी निलंबन की गाज़ गिरी हैं। 

बता दें कि दोनों एसएलएओ (पीसीएस अधिकारियों) को निलंबित करने की प्रक्रिया नियुक्ति विभाग पूरी करेगा। इस घोटाले में एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी के सात अधिकारी-कर्मचारी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं।

इन अफसरों-मातहतों पर भी कार्रवाई तय

घोटाले से जुड़ी एक पूरक रिपोर्ट में लेखपाल आशीष कुमार, मुकेश कुमार, विनय, दिनेश चंद्र, विशेष भूमि अध्याप्ति कार्यालय के तत्कालीन अमीन अनुज वर्मा, ग्राम विलहरा माफी व मुडलिया गोसू के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश गंगवार, हेमंतडांडी के क्षेत्रीय लेखपाल तेजपाल, ग्राम भैंसहा के क्षेत्रीय लेखपाल ज्ञानदीप गंगवार, उगनपुर के क्षेत्रीय लेखपाल मुकेश कुमार मिश्रा, अमरिया के क्षेत्रीय लेखपाल विनय कुमार व दिनेश चंद्र और ग्राम हुसैन नगर एवं सरदार नगर के क्षेत्रीय लेखपाल आलोक कुमार को भी गड़बड़ियों का जिम्मेदार ठहराया गया है। शासन के सूत्रों के मुताबिक, इन्हें भी शीघ्र ही निलंबित कर दिया जाएगा।

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अधिकारियों ने पर्यवेक्षण में बरती शिथिलता

सीडीओ बरेली की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि पूरे प्रकरण में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने तथा सम्यक रूप से परीक्षण नहीं करने के लिए तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी, बरेली आशीष कुमार एवं तत्कालीन विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी बरेली मदन कुमार को दोषी पाया गया है।

कमिश्नर की जांच रिपोर्ट में आए थे इनके नाम

कमिश्नर की ओर से शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट में तत्कालीन भूमि अध्याप्ति अधिकारी आशीष कुमार, मदन कुमार, सुल्तान अशरफ सिद्दीकी, राजीव पांडेय को जिम्मेदार माना गया है। इनके साथ ही एनएचएआई के तत्कालीन परियोजना निदेशक एआर चित्रांशी व बीपी पाठक को भी जिम्मेदार पाया गया है। एनएचएआई के साइट इंजीनियर पीयूष जैन व पारस त्यागी पर भी कार्रवाई तय है।

एनएचएआई की ओर से नामित एजेंसी साईं सिस्ट्रा ग्रुप के प्रतिनिधि उजैर अख्तर, एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंसी लिमिटेड के प्रतिनिधि राजीव कुमार व सुनील कुमार दोषी पाए गए हैं। श्री शिवम सर्वेइंग सिस्टम , वैल्यूअर रविंद्र गंगवार व सुरेश कुमार गर्ग को भी दोषी माना गया है। पीलीभीत के तत्कालीन अधिशासी अभियंता उदय नारायण और एई सुरेंद्र कुमार समेत 23 कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। 19 पेशेवर खरीददारों के नाम भी भेजे गए हैं।

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