Thursday, December 12, 2024
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Homeराज्यउत्तर प्रदेशतो ठनठन गोपाल ही रह गए मीरगंज वाले !

तो ठनठन गोपाल ही रह गए मीरगंज वाले !

  • योगी सरकार में तीन साल में न टेक्सटाइल पार्क बन पाया, न सिडकुल

गणेश पथिक, मीरगंज (बरेली) : तो क्या बाकी सियासी पार्टियों की तरह भाजपा ने भी पिछले विधानसभा चुनाव में भोलेभाले वोटरों को महज खयाली सब्जबाग ही दिखाये थे? बीते लगभग तीन साल की योगी सरकार की कारगुजारियों से तो यही साबित होता है। अब तक न तो टेक्सटाइल पार्क बन पाया है और न सिडकुल जैसा महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ही परवान चढ़ सका है। इलाके के मतदाता खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं।


दो दशक से बंद पड़ी रबड़ फैक्टरी की दिल्ली-लखनऊ फोरलेन और रेलवे लाइन से सटी 1200 एकड़ से भी ज्यादा बेशकीमती जमीन पर बड़े कारखाने या सिडकुल जैसी रोजगारपरक औद्योगिक संरचना की क्षेत्रवासियों की मांग बहुत पुरानी है। जमीन बिकने और नई फैक्टरी बनने की अफवाहें भी कई बार उड़ीं, लेकिन जमीन पर मालिकाना हक का पेंच मुंबई हाईकोर्ट में फंसा होने की वजह से केंद्र और यूपी की सरकारें भी बेबस हैं।

बंद हो चुकी सिंथेटिक एंड केमिकल्स लि. (रबड़ फैक्टरी) के मालिकान द्वारा कर्जा न चुकाए जाने पर आईसीआईसीआई समेत 14 ऋणदाता बैंकों के फोरम की याचिका पर मुंबई हाईकोर्ट ने फैक्टरी की जमीन और परिसंपत्तियों को खुर्द-बुर्द होने से रोकने के लिए रिसीवर की तैनाती कर रखी है लेकिन बावजूद इसके पुलिस की शह पर चोरों ने फैक्टरी की स्टील, लोहे, अल्युमिनियम और लकड़ी की बेशकीमती संपत्तियों को काट-काटकर खोखला कर डाला है। फैक्टरी की कालोनी के ज्यादातर क्वार्टरों पर हाईकोर्ट की रोक के बावजूद दबंगों का अवैध कब्जा सालों से बरकरार है। पुलिस-प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश पर भी दबंगों के अवैध कब्जे हटवा नहीं पा रहा है। कुछ माह पहले योगी सरकार ने फैक्टरी की जमीन पर मालिकाना हक वापस पाने के लिये अपने कुछ अफसरों को मुंबई हाईकोर्ट में पैरवी को भेजा भी था लेकिन बात अब तक आगे नहीं बढ़ सकी है।

कुछ दिन पहले प्रदेश सरकार ने रबड़ फैक्टरी और ऐसी ही तमाम जमीनों को लैंडबैंक में शामिल करने का भी ऐलान किया था लेकिन वो भी शायद सरकारी थोथी घोषणाओं की फाइलों के ढेर में कहीं गुम हो चुका है।
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कपड़ा राज्यमंत्री की हैसियत से मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत में ही फतेहगंज पश्चिमी विकास क्षेत्र में टेक्सटाइल पार्क बनवाने की मुहिम जोर-शोर से छेड़ी थी लेकिन छह साल बाद भी नतीजा सिफर ही रहा है। मीरगंज में राजकीय कृषि महाविद्यालय, रोडवेज बस अड्डा और भिटौरा, नगरिया सादात रेलवे स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव जैसे मसलों पर भी प्रगति की सुई बेहद दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से अटकी हुई ही है।

विधायक बोले-फैक्टरी का मसला कोर्ट में लेकिन टेक्सटाइल पार्क जल्द बनेगा
रबड़ फैक्टरी की जमीन पर सरकार के मालिकाना हक का मसला तो अभी मुंबई हाईकोर्ट में विचाराधीन है लेकिन फतेहगंज पश्चिमी को टेक्सटाइल पार्क की सौगात जल्दी ही मिल सकती है। वजह यह कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर यूपी में प्रस्तावित रहपुरा जागीर फतेहगंज पश्चिमी बरेली और नोएडा, मथुरा में प्रस्तावित तीनों टेक्सटाइल पार्कों की निर्माण प्रक्रिया की मानीटरिंग कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह कर रहे हैं।
डा. डीसी वर्मा भाजपा विधायक, मीरगंज बरेली।

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