एफएनएन, जसपुर : जसपुर में पानी और शिकार की तलाश में एक तेंदुआ आबादी क्षेत्र में आकर एक ग्रामीण के घर में घुस गया। घर में मौजूद बच्चों ने तेंदुए को कमरे में कैद कर लिया। तेंदुआ कैद होने की सूचना पाकर मौके पर वन विभाग की टीम और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। वन विभाग की टीम तेंदुए को रेस्क्यू कर अपने साथ ले गई। घटना प्रदेश की सीमा से सटे गांव सादकपुर थाना रेहड़ यूपी की है।
बुधवार की अपराह्न सादकपुर गांव निवासी अली हसन पुत्र अब्दुल रहीम के घर एक तेंदुआ घुस गया। घर में तेंदुए को देखकर शोर मचाने पर तेंदुआ दीवार कूद उनके घर से पड़ोसी साबिर हुसैन पुत्र लियाकत के घर की चहारदीवारी फांदकर घर में जा घुसा। उस समय साबिर अपनी पत्नी के साथ खेत पर गया हुआ था। घर में उसके बच्चे आतिफा व अहतेशाम व पड़ोसी नासिर की पुत्री अजूबी बरामदे में खेल रहे थें। घर में तेंदुए को देखकर तीनों बच्चे डर गये। बच्चों ने घर से बाहर आकर घर का मेन गेट बंद कर शोर मचा दिया।
प्रधानपति मौहम्मद अय्याज ने मामले की सूचना वन विभाग और और थाना पुलिस को दी। घटनास्थल पर रेस्क्यू टीम में शामिल सेक्शन इंचार्ज जगत सिंह राणा, सुरेश सिंह, मौहम्मद अब्बास, बाघ मित्र मुजीबुर्रहमान ने कई घंटे की मेहनत के बाद तेंदुए को जाल से रेस्क्यू किया। तेंदुए को देखने के लिए भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। जिसे पुलिस ने नियंत्रित किया।
रेंज अधिकारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू किया गया तेंदुआ अवयस्क हैं। चिकित्सीय परीक्षण के लिए उसे केहरीपुर वन चौकी लाया गया है। उच्चाधिकारियों के बताए गए स्थान पर छोड़ा जाएगा।
आसपास के ग्रामीणों में दहशत
आबादी में तेंदुए के घुसने से क्षेत्र के ग्रामों में भारी दहशत है। ग्राम प्रधान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष ब्रह्मानंद लाहौरी ने कहा कि दोनों प्रदेशों के ग्रामों के बीच में पीली नदी बहती है। गर्मी के दिनों में जंगली जानवर पानी और शिकार की तलाश में जंगल से निकलकर नदी के दोनों और खड़े पेड़ों के झुंड में छुप जाते हैं। वन विभाग को जंगली जानवरों के पानी पीने की व्यवस्था के इंतजाम करने चाहिए। जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सकें।
खेतों में काम करने वालों को सतर्कता बरतनी जरुरी
वन्यजीव सलाहकार ज्ञानेश शरन खुशारिया ने कहा कि बढ़ती गर्मी के कारण जलस्रोत सूखने व खेत खलिहान खाली होने की वजह से वन्यजीव शिकार और पानी की तलाश में आबादी की ओर रूख कर रहें हैं। अगले दो तीन महीनों में ऐसी घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ेगा। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ग्रामीणों व खेत पर काम करने वालों को सतर्क और चौकन्ना रहने की आवश्यकता हैं।