Thursday, August 7, 2025
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Homeराज्यउत्तराखंडअसमंजस में पुलिस, ...तो कारोबारी मांग रहे थे हिस्ट्रीशीटर से रंगदारी !

असमंजस में पुलिस, …तो कारोबारी मांग रहे थे हिस्ट्रीशीटर से रंगदारी !

  •  ऑडियो वायरल करके खुद ही पुलिस जांच में फंस गया राजेश गंगवार
  • कारोबारी की तरफ से तहरीर मिलने के बाद जांच तेज

एफएनएन, रुद्रपुर : हिस्ट्रीशीटर राजेश गंगवार और भाजपा नेता किरन विर्क के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस असमंजस में है। दरअसल, बात ही कुछ ऐसी है। यहाँ कारोबारी पर ही हिस्ट्रीशीटर से रंगदारी मांगने का आरोप जो लग रहा है। दरअसल, पुलिस की जांच में अब तक जो सामने आया है उसके मुताबिक हिस्ट्रीशीटर राजेश गंगवार कारोबारी मोहन स्वरूप और क्षितिज सेतिया पर दबाव बना रहा था कि अब वह ही सिडकुल की इंडिया फोर्ज कंपनी में काम करेगा।

इसकी ऑडियो भी पुलिस तक पहुंचने के बाद पंतनगर पुलिस ने जांच तेज कर दी है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले भाजपा नेता किरन विर्क और हिस्ट्रीशीटर राजेश गंगवार के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। यह ऑडियो सिडकुल की इंडिया फोर्ज लिमिटेड कंपनी से जुड़ा हुआ था। खुद राजेश गंगवार ने ही इसे वायरल कर किरन विर्क और विधायक पर 33 परसेंट हिस्सेदारी मांगने का आरोप लगाया था। इस मामले में अब मोहन स्वरूप की ओर से सिडकुल चौकी पुलिस को दी गई तहरीर में सच से पर्दा उठने लगा है। मोहन स्वरूप का कहना है कि वह ओमेक्स कॉलोनी, रुद्रपुर का निवासी है और सिडकुल में पिछले 16 वर्षों से व्यापार कर रहा है।

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वर्ष 2011 से इंडिया फोर्ज नाम की कंपनी के साथ वह स्क्रैप का व्यापार करता है। पार्टनर के रूप में 2020 से क्षितिज सेतिया उसके साथ काम कर रहा है। नानक ट्रेडर्स के नाम से दोनों का व्यवसाय सिडकुल में शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। वर्ष 2023 में उनके साथ पवन शर्मा नाम का एक और पार्टनर बन गया। अब तीनों में 33-33% की हिस्सेदारी तय हो गई थी। पवन शर्मा की फर्म ब्रह्मोस स्टील में हिस्सेदारी के एवज में मोहन स्वरूप और क्षितिज सेतिया के द्वारा 15 लाख रुपए पवन को आरटीजीएस द्वारा दिए गए तथा आपसी सहमति से पवन शर्मा की फर्म ब्रह्मोस स्टील के नाम से व्यापार किया गया।


आरोप है कि 9 अप्रैल को शाम करीब 8 बजे मोहन स्वरूप को मोबाइल नंबर 9639970000 से हिस्ट्रीशीटर राजेश गंगवार ने फोन किया और कहा कि आज से वह इंडिया फोर्ज कंपनी में स्क्रैप का काम करेगा, तुम काम नहीं करोगे और पवन मेरे साथ में है। इतना कहने के साथ ही उसने फोन काट दिया। इसी दिन कुछ देर बाद उक्त राजेश गंगवार के द्वारा प्रार्थी के पार्टनर क्षितिज को भी फोन पर धमकाते हुए कहा गया कि आज से इंडिया फोर्ज कंपनी में स्क्रैप का काम तुम नहीं करोगे।

आरोप यह भी है कि 10 अप्रैल को दोपहर 12:30 बजे मोहन स्वरूप सिडकुल में अपनी गाड़ी से जा रहे थे, तभी अचानक एक मारुति स्विफ्ट कर उनकी गाड़ी के आगे आकर रुकी और गाड़ी से राजेश सिंह उतरने के बाद मोहन स्वरूप की गाड़ी में आकर बैठ गया। आरोप है कि राजेश सिंह ने अपनी जेब से तमंचा निकाला और धमकाया कि अगर सिडकुल में काम करना है तो ₹5,00000 हर महीने फिरौती के रूप में देने होंगे। मोहन स्वरूप घबरा गया और हाथ जोड़ने लगा कि एक-दो दिन में हम आपसे मिलेंगे।

इतने में राजेश सिंह ने मोहन स्वरूप की गाड़ी का डैशबोर्ड खोलते हुए उसमें से ₹1,00000 निकाल लिए और चार लाख रुपए माह के अंत तक न पहुंचने पर जान से मारने की धमकी दी। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस असमंजस में है, क्योंकि सभी कारोबारियों को राजेश गंगवार ने ही फोन किया। किरण विर्क के पास भी राजेश गंगवार का ही फोन आया। किरन का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर का फोन आने से वह घबरा गया और उसने राजनीतिक बचाव के लिए विधायक का नाम ले दिया।

पुलिस का भी मानना है कि आखिर कारोबारी राजेश गंगवार से रंगदारी क्यों मांगेंगे। राजेश गंगवार एक हिस्ट्रीशीटर है और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत विभिन्न जगह उसके खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज है, ऐसे में उससे रंगदारी मांगने की हिम्मत कारोबारी आखिर कैसे जुटा सकते हैं ? और फिर जब राजेश सिंह का कोई मतलब ही नहीं तो फिर क्षितिज और मोहन स्वरूप के काम के बीच उसने हस्तक्षेप क्यों किया ? पुलिस यह पता लगाने का प्रयास भी कर रही है कि आखिर विधायक के नाम को कौन लोग धूमिल करना चाहते हैं और उनका मकसद क्या है। फिलहाल राजेश गंगवार पुलिस की पकड़ से बाहर है। राजेश का कहना है कि उसने भी पुलिस को डाक से तहरीर भेजी है। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी यह तहरीर उन्हें प्राप्त नहीं हुई है।

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