राम प्रातः का प्रणाम है,
राम तन है और प्राण है..
राम त्याग व राजधर्म है,
राम,अधर्म पर विजयी धर्म है..
राम है जीवन का अनुशासन,
राम राज ही सुथरा शासन..
राम क्रोध पर एक विराम है,
राम नाम ही चारों धाम है..
राम चेतना में आत्मीय है,
राम ही तो परम पूजनीय है..
राम धैर्य है राम शक्ति है,
राम पूजन है राम भक्ति है..
राम नाम से है समरसता,
राम नाम का पथर तरता..
राम अनादि है ,राम अनंत है,
राम इति है राम अंत हैं..
राम सरयू की बहती धारा,
राम माँझी है राम किनारा,
राम सीता का शृंगार हैं,,
राम अहिल्या का उद्धार हैं..
राम शबरी की मिठास हैं,
राम तेरे आस-पास है..
राम मर्यादा के पुरुषोत्तम,
राम नाम गाये हर जन जन..
राम नाम ही प्यारा है,
राम सकल उजियारा है..
राम दीप है , राम जोत है,
राम ऊष्मा का ही स्रोत है..
राम विष्णु का अवतार हैं,
राम दुष्टों का संहार हैं..
राम मोक्ष का इक साधन है,
तीन लोक करें अभिवादन है…
-विनोद पहिलाजानी…