एफएनएन, रुद्रपुर : सुर्खियों में रहने वाला रजिस्ट्री कार्यालय एक मामले को लेकर फिर चर्चा में आ गया है। इस बार मामला 50 लाख की स्टांप चोरी का है। आरोप तो यहां तक है कि संबंधित विभाग की मिलीभगत से यह खेल खेला गया। इस मामले में कोई कार्यवाही न होने पर अब शिकायतकर्ता कोर्ट जाने का मन बना रहा है। आज बकायदा शिकायतकर्ता आवास विकास कॉलोनी रुद्रपुर निवासी आलोक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इस खेल का भंडाफोड़ किया। आलोक का कहना है कि राजस्व ग्राम शिमला पिस्तौल, तहसील रुद्रपुर के खाता संख्या 00429, खेत संख्या 77 की भूमि वर्ष 2007 में अकृषि यानी 143 घोषित हुई थी। इसका आदेश वर्ष 2007 से ही खतौनी के अभिलेख में दर्ज है।
इस भूमि की चाहरदीवारी भी हो रखी है तथा इस भूमि में कार्यालय तथा काम करने वाली लेबर के कमरे भी बने हुए हैं। स्टांप चोरी के उद्देश्य से ही कुछ फुट गहरा गड्ढा खोदकर सिंचाई दिखाने के लिए पाइप डाला गया है। न ही कोई इंजन है और न ही पानी की मोटर। बिजली विभाग से किसी प्रकार का कोई कनेक्शन भी नहीं लिया गया है। इससे साफ हो जाता है कि उक्त भूमि पर वर्ष 2007 से आज तक खेतीवाड़ी नहीं हुई तथा इस बात की पुष्टि भूमि से लगे दूसरे के स्वामी से भी की जा सकती है।
आलोक सिंह का आरोप है कि बिला f-35 मेट्रोपोलिस रूद्रपुर के रहने वाले रोहित सिंह पुत्र सच्चिदानंद ने उक्त भूमिका एक रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 13 जनवरी 2020 को कृषि भूमि के अनुसार किया। इसके बाद इस भूमि की सरकारी कीमत लगभग 10 करोड़ 80 लाख आने पर रोहित सिंह ने स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए तथा इनकम टैक्स से बचने के लिए तहसील के कुछ अधिकारियों से मिलीभगत कर भूमि को कृषि में परिवर्तित करा लिया।
भूस्वामी रविंद्र कुमार शुक्ला और उनके परिवार के सदस्यों ने इस काम में उनकी मदद की तथा इस भूमि को 4 दिसंबर 2021 को कृषि में परिवर्तित कर मात्र 45 दिनों के अंदर भूमि की रजिस्ट्री 17 जनवरी 2022 को अपने हक में बहुत ही कम मूल्य दिखाते हुए करा लिया। इस काम में 50 लाख की स्टांप चोरी की गई। रजिस्ट्री में भूमि पर कोई निर्माण व चारदीवारी न होना बताया गया। आलोक ने इस मामले में रोहित सिंह पर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि इस मामले में अभी रोहित सिंह का पक्ष नहीं मिल सका है।