
एफ एन एन, देहरादून : विधानसभा सचिवालय में भर्तियों और पदोन्नतियों के लिए जल्द ही नए नियम बनेंगे। इसके लिए विधानसभा भर्ती एवं सेवा नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नियमावली बनने के बाद बजट सत्र से पहले स्थायी सचिव की तैनाती हो सकती है।
विधानसभा सचिवालय में तदर्थ आधार पर की गईं भर्तियां विवादों में आने पर विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विशेषज्ञ समिति गठित की थी। पूर्व आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में समिति ने 2001 से 2021 तक की गईं नियुक्तियों की जांच की। इसके अलावा विधानसभा सचिव पद पर की गईं पदोन्नतियों का जांच की। समिति ने पाया कि विधानसभा सचिवालय में सभी नियुक्तियों के लिए एक समान प्रक्रिया अपनाई गई है। साथ ही सचिव पद पर पदोन्नति भी नियम विरूद्ध की गईं।
विधानसभा अध्यक्ष के दिशा-निर्देश पर भर्ती और सेवा नियमावली संशोधन कर नए नियम बनाए जा रहे हैं। विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में सचिव पद पर न्यायिक सेवा के अधिकारी की तैनाती करने का सुझाव दिया था। इसके अलावा खाली पदों पर लोक सेवा आयोग या किसी अन्य राजकीय प्रतिष्ठित संस्था के माध्यम से भर्ती करने और 2016 से पहले विधानसभा सचिवालय के विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग को प्रशासनिक विभाग रखने का सुझाव दिया था।
बता दें कि 18 जनवरी 2011 में सेवा नियमावली लागू की थी। इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय की सेवा नियमावली लागू थी। 2015 व 2016 में नियमावली में संशोधन किया गया। विधानसभा सचिवालय की भर्ती एवं सेवा नियमावली बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही नियमावली तैयार की जाएगी।

