- अधिकृत न होने के बावजूद जारी किए गए कंपनियों को टेंडर
- कार्य विलंब से होने पर नहीं लगाई गई कोई पेनाल्टी
एफएनएन, देहरादून: नैनीताल, हरिद्वार औऱ ऊधमसिंह नगर में सिडकुल के निर्माण कार्यों में बड़ा घोटाला हुआ। जांच में पता लगा है कि निर्माण एजेंसियों ने मानकों के विपरीत निर्माण कार्य करवाए औऱ कार्य विलंब से होने के बाद भी कोई पेनाल्टी नहीं लगाई गई। आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार की समीक्षा बैठक मे पाया गया कि 2012-13 में देहरादून की सात, हरिद्वार की तीन, ऊधमसिंह नगर की छह, पौड़ी गढ़वाल की आठ, नैनीताल की दो, अल्मोड़ा की एक व पिथौरागढ़ जनपद के दो कार्यों में गड़बड़ी की गई। पाया गया कि सक्षम अधिकारी को कार्य स्वीकृति देनी चाहिए थी, लेकिन अन्य अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखते हुए अधिक धनराशि के कार्यों को स्वीकृति दे दी। एजेंसी व कांट्रेक्टर दोनो के कई फाइलों में हस्ताक्षर भी नहीं कराए गए। कुछ करारों पर ऐसे अधिकारी ने साइन किए हैं, जो कि अधिकृत ही नहीं थे। इसके साथ ही निर्माण कार्यों में गड़बड़ी मिली हैं। इस मामले में अब सिडकुल अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा शासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी। जो अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनसे भी निर्माण कार्यों संबंधी पूछताछ की जाएगी। समीक्षा बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर दलीप सिंह कुंवर, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार प्रदीप कुमार राय, अपर पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर देवेंद्र सिंह पींचा, क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश भूपेंद्र सिंह धौनी, क्षेत्राधिकारी नेहरू कॉलोनी पल्लवी त्यागी के अलावा देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, नैनीताल व जनपद अल्मोड़ा के जांच अधिकारी मौजूद रहे।