एफएनएन, देहरादून : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर आज उत्तराखंड पहुंचे हैं। उप्र में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का यह पहला उत्तराखंड दौरा है। पौड़ी (गढ़वाल) जिले के यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत बिथ्याणी में उन्होंने अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत भी आदि उपस्थित रहे।
मंगलवार को योगी आदित्यनाथ देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया। एयरपोर्ट से हेलीकाप्टर से वह पौड़ी (गढ़वाल) जिले के यमकेश्वर ब्लाक के अंतर्गत बिथ्याणी के लिए रवाना हुए। यहां योगी आदित्यनाथ अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद वह अपने पैतृक गांव पंचूर भी जा सकते हैं।
उत्तराखंड में आपका हार्दिक स्वागत : त्रिवेंद्र सिंह रावत
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने योगी आदित्यनाथ के उत्तराखंड आने का हार्दिक स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि आज एक संन्यासी का वर्षों बाद अपनी माता से मिलन होने जा रहा है। बड़ा ही भावुक कर देने वाला क्षण होगा। उत्तर प्रदेश के जनप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय के बाद अपनी पूज्य माता एवं स्वजनों से मिलने अपनी जन्मस्थली आ रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड में आपका हार्दिक स्वागत।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहेंगे। योगी आदित्यनाथ चार मई को अपने पैतृक गांव पंचूर भी जा सकते हैं। यमकेश्वर ब्लाक योगी आदित्यनाथ का गृह ब्लाक है। माना जा रहा है कि चार मई को वह अपने पैतृक गांव में जाकर स्वजन से भेंट कर सकते हैं।
- अलकनंदा होटल को राज्य को समर्पित करेंगे
पांच मई को वह हरिद्वार में परिसंपत्तियों के बंटवारे में उत्तराखंड के हिस्से में आए अलकनंदा होटल को राज्य को समर्पित करेंगे, जबकि उत्तर प्रदेश के होटल का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहेंगे।
हरिद्वार में मुख्यमंत्री धामी और योगी आदित्यनाथ के मध्य सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में 18 नवंबर 2021 को हुई उच्च स्तरीय बैठक में बनी सहमति पर कार्रवाई को लेकर बातचीत हो सकती है।