Saturday, March 15, 2025
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यूपी में समान नागरिक संहिता के खिलाफ आगे आया ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, बताया अल्पसंख्यक विरोधी

एफएनएन, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (UP Yogi Government) बनने के बाद से समान नागरिक संहिता (saman nagrik sanhita) कानून बनाने की मांग जोरों से उठने लगी है। योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav prasad maurya) ने भी हाल ही में इसकी वकालत की थी, उन्होंने अपने बयान में इसे देश-प्रदेश के लिए जरूरी बताया। साथ ही कहा था कि प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता कानून लागू करने पर विचार कर रही है। वहीं अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता को असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी बताते हुए सरकार से इसे लागू न करने की अपील की है।

All India Muslim Personal Law Board(ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड)  के महासचिव हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि भारत के संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को उसके धर्म के अनुसार जीवन व्यतीत करने की अनुमति है। इसे मौलिक अधिकारों में शामिल रखा गया है। इसी अधिकारों के अंतर्गत अल्पसंख्यकों और आदिवासी वर्गों के लिए उनकी इच्छा और परंपराओं के अनुसार अलग-अलग पर्सनल लॉ रखे गए हैं, जिससे देश को कोई क्षति नहीं होती है, बल्कि यह आपसी एकता एवं बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के बीच आपसी विश्वास बनाए रखने में मदद करता है।

  • बोर्ड ने सरकार से इसे लागू ना करने की अपील की

वहीं, बोर्ड द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि उत्तराखंड, यूपी या केंद्र सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता का राग अलापना असामयिक बयानबाजी के अतिरिक्त कुछ नहीं। पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव ने इसे बढ़ती महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने और घृणा के एजेंडे को बढ़ावा देने का प्रयास बताया है। पत्र के जरिेए उन्होंने कहा यह अल्पसंख्यक विरोधी और संविधान विरोधी कदम है मुसलमानों के लिए यह बिल्कुल स्वीकार नहीं है। बोर्ड इसकी कड़ी निंदा करता है, साथ ही सरकार से ऐसे कार्यो से परहेज करने की अपील करता है।

  • यूपी और देश की जनता के लिए जरूरी- केशव प्रसाद

यूपी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल में अपने बयान में कहा था कि सभी को समान नागरिक संहिता की मांग और उसका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा ये भाजपा के मुख्य वादों में से एक है और उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम इसके पक्ष में हैं और यह यूपी और देश की जनता के लिए जरूरी है। प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव भी समान नागरिक संहिता का समर्थन कर चुके हैं।

  • कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि समान नागरिक संहिता पर भारतीय जनता पार्टी सिवाय राजनीति के कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या कानून हो या समान नागरिक संहिता कानून ये केंद्र सरकार के विषय है, राज्यवार बात करके ये शुद्ध रूप से मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पूरे देश में सांप्रदायिकता का माहौल है। बीजेपी की असफलता, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरीके के मुद्दे लाए जाते हैं।

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