एफएनएन, जसपुर : ग्राम गढ़ीनेगी को नगर पंचायत न बनाए जाने का निर्णय पंचायतघर में हुई खुली बैठक में लिया गया है। भरतपुर न्याय पंचायत के ग्राम गढ़ीनेगी-रामजीवनपुर को मिलाकर नगरपंचायत का गठन करने की मांग काफी समय से उठ रही थी। बीती 30 नवंबर को जसपुर आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ीनेगी को नगरपंचायत का दर्जा देने की घोषणा की थी, लेकिन इसे मूर्तरूप देने के लिए ग्रामसभा की खुली बैठक में प्रस्ताव होना जरूरी था। गढ़ीनेगी को नगरपंचायत का दर्जा देने के लिए ग्रामीणों के दो गुटों में बंटे होने के कारण रायशुमारी के लिए बैठक नहीं हो पा रही थी। एक पक्ष द्वारा गढ़ीनेगी को नगरपंचायत का दर्जा देने की मांग के लिए प्रदर्शन भी किया। इनका कहना था कि गढ़ीनेगी की आबादी दस हजार से अधिक है। नगरपंचायत बनने के बाद से यहां के लोगों को सरकारी नौकरियां मिलेंगी और सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा।
यह चाहते थे कि तत्काल इसकी अधिसूचना जारी की जाए। उनके समर्थन में सफाई कर्मी भी हड़ताल पर चले गए। उन्होंने नगरपंचायत की अधिसूचना जारी न होने तक सफाई कार्य का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दे डाली। इधर, गढ़ीनेगी को नगरपंचायत का दर्जा दिए जाने के बारे में रायशुमारी करने के लिए 18 दिसंबर को खुली बैठक आयोजित करने पर सहमति बनी। इसी क्रम में ग्रामवासियों के मत प्राप्त करने हेतु पंचायत की एक खुली बैठक आज पंचायत घर प्रांगण में हुई, जिसमें ग्रामवासियों द्वारा एकतरफा बहुमत के आधार पर ग्राम गढ़ीनेगी को नगर पंचायत न बनाए जाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर सहायक खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार यादव सहित विभागीय अधिकारी, ग्राम प्रधान अंशिका रानी, उप प्रधान अमित ढींगरा, ग्राम पंचायत सदस्यगण, थानाध्यक्ष कुंडा अरविंद चौधरी आदि थे।