एफएनएन, लखनऊ : सत्र शुरू होने की तीन महीने बाद आखिरकार यूपी बोर्ड के छात्रों को एनसीआरटी की किताबें कुछ दिन में मिल जाएगी। यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने अधिकारियों को प्रकाशकों के यहां भेजकर पुस्तकों का परीक्षण कराया है। साथ पुस्तकों को विक्रय के लिए बाजार में उपलब्ध कराने की अनुमति दे है
यूपी बोर्ड के 29,000 से ज्यादा माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के करीब एक करोड़ छात्र-छात्राओं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पाठ्यक्रम पर आधारित पाठ्यपुस्तकों का तीन महीने से इंतजार था। अब यह किताबें छपकर तैयार हो गई हैं।
तीन करोड़ बकाया का किया भुगतान
अप्रैल में नया सत्र आरंभ होने के साथ ही पुस्तकें उपलब्ध कराई जानी थीं, लेकिन पुरानी रायल्टी के भुगतान और एनसीईआरटी से अनुमति लेकर पुस्तकें छपवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया में देरी हो गई। पिछले दिनों शासन की अनुमति से बोर्ड सचिव ने रायल्टी बकाया का करीब तीन करोड़ रुपये भुगतान करने के बाद पुस्तकें प्रकाशित कराने की पाठ्यपुस्तकें अनुमति एनसीईआरटी से मांगी। अनुमति मिलने पर शासन की अनुमति से टेंडर आमंत्रित किए जाने की प्रक्रिया बोर्ड सचिव ने पूरी कराई।
उसके बाद राजीव प्रकाशन प्रयागराज, पीतांबरा प्रकाशन झांसी, सिंहल एजेंसीज आगरा एवं कैला पब्लिकेशन लखनऊ को अलग अलग विषयों की पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित करने की अनुमति दी गई। विषयवार पंजीकृत छात्र-छात्राओं के लिए प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों का परीक्षण करा लिया गया है। बोर्ड सचिव ने बताया कि एक-दो दिन में पाठ्यपुस्तकें बाजार में उपलब्ध हो जाएंगी। मांग बढ़ने के के अनुरूप प्रकाशक अधिक संख्या में पुस्तकों का प्रकाशन कर विक्रेताओं के यहां उपलब्ध कराएंगे।