

एफएनएन ब्यूरो, लखीमपुर खीरी-उ.प्र.। बचपन वह कोमल अवस्था होती है जब बच्चे अपने आसपास के लोगों से गहराई से प्रभावित होते हैं। वे उन व्यक्तित्वों को अपना आदर्श मानते हैं, जो साहस, नैतिकता और परोपकार के प्रतीक होते हैं। ‘बच्चों के सुपरमैन’ एक ऐसा साझा बाल कविता संग्रह है, जो बच्चों को उनके सच्चे नायकों से परिचित कराने का प्रयास करता है। इस पुस्तक का संपादन सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री सुरेश सौरभ और श्री रमाकांत चौधरी ने किया है। बाल साहित्य की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाते हुए यह संग्रह उन महापुरुषों की गाथाओं को बाल गीतों के माध्यम से प्रस्तुत करता है, जिन्होंने भारतीय समाज को नई दिशा दी।
इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य बच्चों को उन महान विभूतियों से परिचित कराना है, जिन्होंने अपने जीवन को देश, समाज और मानवता की सेवा में समर्पित किया। बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए, इस संकलन में महात्मा बुद्ध, सुभाष चंद्र बोस, बिरसा मुंडा, लाल बहादुर शास्त्री, झलकारी बाई, वीर अब्दुल हमीद, अवंती बाई, चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरुषों पर लिखे श्रेष्ठ गीत शामिल किए गए हैं। ये रचनाएँ बाल सुलभ सरलता के साथ-साथ गहरी प्रेरणादायक भावनाओं से भी ओतप्रोत हैं।

गौतम बुद्ध के करुणा और अहिंसा के संदेश, डॉ. भीमराव अंबेडकर के समानता और संविधान निर्माण में योगदान, कांशीराम के सामाजिक न्याय की अवधारणा, अटल बिहारी वाजपेयी के ओजस्वी विचार, ज्योतिबा फुले का नारी शिक्षा के प्रति समर्पण, माउंटेन मैन दशरथ मांझी का दृढ़ संकल्प और मुंशी प्रेमचंद की समाज सुधारक छवि—ये सभी व्यक्तित्व इस संकलन में एक सुंदर माला के रूप में पिरोए गए हैं।
इस संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता इसकी सरल, प्रभावशाली और बाल मन को सहज रूप से आकर्षित करने वाली भाषा है। बाल साहित्य लेखन में जिस प्रवाह और सहजता की आवश्यकता होती है, वह इस पुस्तक में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। गीतों में लय, तुकबंदी और सहज भावाभिव्यक्ति बच्चों को गुनगुनाने के लिए प्रेरित करती है। प्रत्येक गीत के माध्यम से किसी महापुरुष का जीवन, उनके विचार और संघर्षों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे बच्चे न केवल मनोरंजन प्राप्त करेंगे, बल्कि उनके विचारों से प्रेरणा भी लेंगे।
बाल साहित्य केवल मनोरंजन का साधन नहीं होता, बल्कि यह बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण और समाज में उनकी भूमिका को परिभाषित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। बच्चों के सुपरमैन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह पुस्तक बच्चों को देशभक्ति, नैतिकता, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, संविधान के प्रति आस्था, और समाज सेवा जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाओं से परिचित कराती है। जब बच्चे इन गीतों को गुनगुनाएँगे, तो वे अनायास ही जीवन की अनेक समस्याओं का हल खोजने में सक्षम हो जाएँगे।
इस पुस्तक का संपादन श्री सुरेश सौरभ और श्री रमाकांत चौधरी ने अत्यंत कुशलता से किया है। सुरेश सौरभ न केवल एक बहुआयामी कहानीकार हैं, बल्कि बाल साहित्य के क्षेत्र में उनका योगदान भी उल्लेखनीय है। उनकी दृष्टि व्यापक है, और उन्होंने इस पुस्तक को एक ऐसा रूप प्रदान किया है जो बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा।
संपादन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पुस्तक में संकलित रचनाएँ विषयवस्तु के अनुरूप चुनी गई हैं, जिससे बच्चों को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों के बारे में रोचक और काव्यात्मक रूप से जानकारी मिलती है। रमाकांत चौधरी के संपादन कौशल ने इस संग्रह को और भी प्रभावशाली बनाया है।
इस संग्रह की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि यह बच्चों में शिक्षा, देशप्रेम, कर्तव्यबोध और आत्मनिर्भरता जैसी भावनाओं को जागृत करता है। महापुरुषों की जीवनी केवल इतिहास नहीं होती, बल्कि वे हमें भविष्य की ओर बढ़ने का मार्ग भी दिखाती हैं। यह पुस्तक बच्चों को यह समझाने में सक्षम होगी कि वे भी अपने भीतर साहस, आत्मविश्वास, मेहनत और ईमानदारी जैसे गुणों का विकास कर सकते हैं और अपने जीवन में असाधारण कार्य कर सकते हैं।
बच्चों के सुपरमैन केवल एक बाल कविता संग्रह नहीं है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य निर्माण की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। यह पुस्तक बच्चों के मन में उन महापुरुषों के प्रति सम्मान, उनके विचारों के प्रति आस्था और उनके आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा जागृत करती है।
इस संग्रह की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह शिक्षा और मनोरंजन का संतुलन बनाए रखता है। इसकी कविताएँ सहज, सरस और भावनात्मक हैं, जिससे बच्चे इन्हें पढ़ने और गुनगुनाने के लिए प्रेरित होंगे। यह पुस्तक बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों- सभी के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।

समीक्षक: नृपेन्द्र अभिषेक ‘नृप‘
पुस्तक: बच्चों के सुपरमैन (बाल कविता संग्रह)
संपादक: सुरेश सौरभ और रमाकांत चौधरी
प्रकाशन: श्वेतवर्णा प्रकाशन
मूल्य: 249 रुपये